Friday, May 11, 2012


"भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न 

भारतीय रेल का राजनीतिक दोहन बंद किया जाए -शिवगोपाल मिश्रा 

मुंबई : राष्ट्रीय पाक्षिक 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' द्वारा "भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" जैसे अत्यंत समसामयिक विषय पर बुधवार, 9 मई को वाई. बी. चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह, मंत्रालय के पास, जनरल जे. एन. भोसले मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुंबई में राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया. इस महत्वपूर्ण सेमिनार में भारतीय रेल के उच्च अधिकारी और सभी पांचो मान्यताप्राप्त फेडरेशनों के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी और यात्री संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सेमिनार में मुंबई से म. रे. के मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशासन श्री रविन्द्र कुमार, 'नवभारत टाइम्स' के संपादक श्री सुंदर चंद ठाकुर, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री महेश कुमार, मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री सुबोध कुमार जैन, दिल्ली से डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसी) के निदेशक श्री पी. एन. शुक्ल, आल इंडिया रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स एसोसिएशन (एआईआरपीएफए) के महासचिव श्री यू. एस. झा, अध्यक्ष श्री एस. आर. रेड्डी, लखनऊ से आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव का. शिवगोपाल मिश्रा, आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के सहायक महासचिव और नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन (एनआरएमयू) के महासचिव का. श्री पी. आर. मेनन, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवेमेंस (एनएफआईआर) के सहायक महासचिव और पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के महासचिव श्री जे. जी. माहुरकर, पटना से इंडियन रेलवे प्रमोटी ऑफिसर्स फेडरेशन (आईआरपीओएफ) के अध्यक्ष श्री जे. पी. सिंह, और महासचिव श्री जीतेन्द्र सिंह, चेन्नई से दक्षिण रेलवे के मुख्य यातायात प्रबंधक श्री अजीत सक्सेना आदि प्रबुद्ध वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए.  

रेल प्रबंधन के उपरोक्त सभी विशेषज्ञ और औद्योगिक शांति एवं उत्पादन में भागीदार सभी कर्मचारियों एवं अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने इस सेमिनार में शामिल होने की अपनी पूर्व सहमति प्रदान की थी. सभी वक्ताओं ने कहा कि इस अत्यंत समसामयिक परिचर्चा में बहुत महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं, जिन पर विचार और अमल करने से भारतीय रेल के उत्थान में रेल प्रशासन को अवश्य मदद मिलेगी. सभी कर्मचारियों एवं अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि जो पहल हम लोगों को करनी चाहिए थी, वह 'परिपूर्ण रलवे समाचार' ने की है. इसे अब और आगे बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल विषय पर पिछले 15 वर्षों से लगातार प्रकाशित हो रहे एकमात्र पाक्षिक 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' ने भारतीय रेल के पुनरुत्थान जैसे विभिन्न समसामयिक विषयों पर सेमिनारों का आयोजन करके रेल प्रशासन और रेल व्यवस्था के हित में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मंच पर उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने गलत नीतियों और भारतीय रेल के राजनीतिक दोहन के खिलाफ एकजुट होकर अपनी एकता को मजबूत करने पर जोर दिया. श्री रविन्द्र कुमार ने मानव संसाधन विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे, जबकि श्री सुंदरचंद ठाकुर ने सर्वसामान्य यात्रियों की सुविधाएं बढाए जाने और फालतू खर्चों में कटौती की बात कही. श्री पी. एन. शुक्ल ने डीएफसीसी की प्रगति के माध्यम से भारतीय रेल में काम करने और श्री अजीत सक्सेना ने आध्यात्मिक तरीके से व्यक्तिगत चरित्र के निर्माण की बात कही. 

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री महेश कुमार और मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री सुबोध कुमार जैन ने अत्यंत सरल तरीके से अपनी बात कही. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि रेलवे की हालत काफी ख़राब है, मगर यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि इसमें सुधार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि रेलवे में अच्छे लोगों की कोई कमी नहीं है. श्री यू. एस. झा और श्री जे. पी. सिंह ने पूर्व वक्ताओं द्वारा कही गई बातों का समर्थन करते हुए कहा कि यदि रेल प्रशासन ने तुरंत कोई करेक्टिव एक्शन नहीं लिया तो हालत और बिगड़ सकती है. इस अवसर पर एआईआरएफ के अध्यक्ष और वयोवृद्ध ट्रेड युनियनिस्थ का. उमरावमल पुरोहित ने भी जोश में आकर काफी ओजस्वी भाषण दिया, हालांकि वह सिर्फ सेमिनार में होने वाली परिचर्चा का अध्ययन करने आए थे. सेमिनार के अध्यक्ष का. शिवगोपाल मिश्रा ने अंत में अपने संबोधन में कहा कि अत्यंत सीमित मैन पावर और संसाधनों के बावजूद 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' ने भरतीय रेल के पुनरुत्थान की जो पहल की है, उसे आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते भारतीय रेल के राजनीतिक दोहन को नहीं रोका गया तो इसे एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस के रास्ते पर जाने से नहीं रोका जा सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि रेल प्रशासन ने कर्मचारी और अधिकारी संगठनों की वाजिब मांगों को नहीं माना तो रेल का चक्का जाम करने पर भी हम विचार करने से नहीं हिचकिचाएंगे. 

फोटो परिचय : 

1. 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' के सेमिनार विशेषांक का विमोचन करते हुए बाएँ से आईआरपीओएफ के अध्यक्ष श्री जे. पी. सिंह, डीएफसीसी के निदेशक श्री पी. एन. शुक्ल, प. रे. के महाप्रबंधक श्री महेश कुमार, म. रे. के महाप्रबंधक श्री सुबोध कुमार जैन, एआईआरएफ के महाचासचिव का. श्री शिवगोपाल मिश्रा और एआईआरपीएफए के महासचिव श्री यू. एस. झा. इस अवसर पर श्री रविन्द्र कुमार, श्री पी. आर. मेनन, श्री अजीत सक्सेना, श्री एस. आर. रेड्डी, श्री जे. जी. माहुरकर और श्री जीतेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे. 


2. 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' द्वारा "भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के मंच पर उपस्थित दाएं से एआईआरपीएफए के महासचिव श्री यू. एस. झा, एआईआरएफ के महाचासचिव का. श्री शिवगोपाल मिश्रा, म. रे. के महाप्रबंधक श्री सुबोध कुमार जैन, प. रे. के महाप्रबंधक श्री महेश कुमार, डीएफसीसी के निदेशक श्री पी. एन. शुक्ल. 

3. 'परिपूर्ण रेलवे समाचार' द्वारा "भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के मंच पर उपस्थित दाएं से द. रे. के सीटीएम श्री अजीत सक्सेना, म. रे. के सीपीओ/ए श्री रविन्द्र कुमार, एनआरएमयू के महासचिव का. पी. आर. मेनन, आईआरपीओएफ के महासचिव श्री जीतेन्द्र सिंह, एआईआरपीएफए के महासचिव श्री यू. एस. झा, एआईआरएफ के महाचासचिव का. शिवगोपाल मिश्रा, म. रे. के महाप्रबंधक श्री सुबोध कुमार जैन, प. रे. के महाप्रबंधक श्री महेश कुमार, डीएफसीसी के निदेशक श्री पी. एन. शुक्ल, आईआरपीओएफ के अध्यक्ष श्री जे. पी. सिंह, डब्ल्यूआरएमएस के महासचिव श्री जे. जी. माहुरकर और  एआईआरपीएफए के अध्यक्ष श्री एस. आर. रेड्डी. 

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