इंजीनियरिंग विभाग की नाकामी
दाहोद : पिछले अंक में इसी शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद दाहोद वर्कशाप में नालियों पर रखी गई लोहे की शीटें वर्कशाप प्रशासन द्वारा उठा ली गई हैं. iske अलावा सड़क पर गुजरते भारी वाहनों से वर्कशाप की सड़क भी जगह-जगह धंस गई है. यह भी प्रमाणित हो गया है. इसके साथ ही एकाउंट कालोनी के आगे जो सड़क बनाई गई है उसे देखकर ही कोई यह बता सकते है की यह सड़क बनाने में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है. इस सम्पूर्ण सड़क निर्माण कार्य की सतकता विभाग से जांच कराए जाने मांग यहाँ कालोनी में रहने वाले सभी रेलकर्मियों ने की है. उल्लेखनीय है की आजकल दाहोद वर्कशाप की बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य एक ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है. इस बाउंड्री वाल के निर्माण में भी सड़क की ही तरह घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस निर्माण के दौरान मौके पर इंजीनियरिंग विभाग का कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं रहता है, जो की यह देख सके की बाउंड्री वाल के निर्माण में सही मटीरियल का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.
ज्ञातव्य है की दाहोद रेलवे कालोनी में गंदे कुएं के पास अभी कुछ महीने पहले तक टाइप-२ रेलवे क्वार्टर बनाए जा रहे थे. अचनक इनका निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार रतलाम मंडल इंजीनियरिंग विभाग के पास फंड की कमी हो जाने से इन क्वार्टरों का निर्माण कार्य रोक दिया गया है. वर्कशाप के कर्मचारियों का कहना है की यदि फंड की कमी थी तो इन क्वार्टरों का निर्माण शुरू ही क्यों किया गया था. इससे तो जो काम हुआ था वह भी न सिर्फ ख़राब हो रहा है, बल्कि वहां से ईंटें भी उखाड़कर चोरी चली जा रही हैं और इसे देखने वाला भी कोई नहीं है, न ही इसकी रखवाली का कोई इंतजाम वर्कशाप प्रशासन ने किया है. इस हो रहे नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है?
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